हरिजन बस्ती के लिए आया संजीवनी क्लिनिक का सामान्य वार्ड में क्षेत्रीय विधायक कामाख्या प्रताप सिंह आज कर सकते हैं उद्घाटन।
मध्य प्रदेश में भले ही डॉक्टरों की कमी हो पर छतरपुर जिला महाराजपुर के संजीवनी क्लीनिक के लिए भवन उद्घाटन के पूर्व ही डॉक्टर पदस्थ होने की सूचना सूत्रों से मिल रही है। संजीवनी क्लिनिक का निर्माण पूर्व डॉक्टर क्वाटर में हुआ है जो सामान्य वार्ड क्रमांक 04 है साथ ही इस बिल्डिंग मेंटेनेंस विभाग द्वारा किया गया था उसे बिना अनु उपयोगी घोषित किए ही गिरा दिया गया सूत्र बताते हैं की बिल्डिंग का गिरने उपरांत पुराना लाखों रुपए का मटेरियल वहां कुछ हजार रुपए में ठेकेदार को दान स्वरूप दे दिया गया, इस संबंध में एक सूचना का अधिकार का आवेदन भवन स्थानांतरण के दस्तावेज के लिए नगर पालिका,संचनालय सागर, पीडब्ल्यूडी विभाग भेजा गया था पर जानकारी नहीं मिली, यह कह सकते हैं मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में सूचना के अधिकार की उतनी ही मिलती है जितनी मैनेज की जा सके,नगर पालिका महाराजपुर, सागर संचनालय ने इस भवन की गुणवत्ता पर कोर कटिंग करने की अनुमति प्रदान नहीं की है सूत्रों से जानकारी मिल रही है।
सबसे अच्छी बातें रही अटैचमेंट डॉक्टर द्वारा पत्राचार कर इस कार्य को अंजाम दिया गया वह बात अलग है कि सरकार ने अटैचमेंट पर रोक लगा रखी है पर महाराजपुर जैसी जगह है जहां परमानेंट डॉक्टर दशकों से नहीं पदस्थ किया गया ,महाराजपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में (पीएचसी 54) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महाराजपुर में 373 प्रकार की दबाई, की उपलब्धता होनी चाहिए, परंतु महाराजपुर में पदस्थ फार्मासिस्ट दीपक अवस्थी के कार्यकाल में टीवी जैसी दवाइयां के लिए भी मरीज को सीएम हेल्पलाइन 32722624 का सहारा लेना पढ़ रहा है इस विशिष्ट व्यवस्था के जवाबदारी संभवत सीएमएचओ, बी एस ओ की तो नहीं है।
मध्य प्रदेश में संजीवनी क्लिनिक योजना को कमलनाथ सरकार ने 2019 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य मोहल्ला स्तर पर जनता को मुफ्त और सुलभ चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना है। इस योजना के तहत:
68 प्रकार के टेस्ट और 120 प्रकार की दवाइयां मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं।
यह क्लिनिक मुख्य रूप से स्थानीय समुदायों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं, जैसे सामान्य बीमारियों का इलाज, जांच, और दवाइयां प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। इसका मकसद स्वास्थ्य सेवाओं को आम लोगों तक आसानी से पहुंचाना और स्वास्थ्य देखभाल को किफायती बनाना है।
दिल्ली में संजीवनी क्लिनिक:
दिल्ली में संजीवनी क्लिनिक की अवधारणा दिल्ली सरकार की मोहल्ला क्लिनिक योजना से प्रेरित है। मध्य प्रदेश की तरह, यह योजना भी मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है। यह दिल्ली मॉडल का एक हिस्सा है, जिसे अरविंद केजरीवाल सरकार ने शुरू किया था। इस मॉडल को अन्य राज्यों में भी अपनाया गया है।
संजीवनी - विलेज हेल्थ आउटरीच प्रोग्राम (असम): असम में संजीवनी योजना के तहत 80 मोबाइल हेल्थ यूनिट्स (MHU) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यह विशेष रूप से पुरानी बीमारियों (जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मिर्गी) के लिए स्क्रीनिंग, उपचार, और मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराती है। प्रत्येक यूनिट में चिकित्सा उपकरण और कर्मचारी जैसे लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, और नर्स शामिल हैं।
संजीवनी स्वस्थ्य बीमा योजना: यह योजना दादर और नगर हवेली और दमन और दीव में लागू है, जो निवासियों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है। बीपीएल परिवारों के लिए प्रीमियम का पूरा खर्च सरकार वहन करती है, जबकि अन्य परिवारों के लिए आंशिक या पूर्ण प्रीमियम भुगतान की व्यवस्था है।