मनरेगा योजना कागजों में जेसीबी से खुद रहे खेत तालाब
राकेश शर्मा
पन्ना// जिला में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अपने उद्देश्य से भटक गई है | मशीनों से हो रहे हैं काम और कागजों में मिल रहा है लोगों को रोजगार | मजदूरों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है | अधिकारी बन्दर बाँट में जुटे हैं | जिसमे सरपंच, सचिव,उपयंत्री ,रोजगार सहायक तथा जनपद एवं जिला पंचायत के अधिकारी सम्मलित हैं | शासन द्वारा इस योजना के लिए हजारों करोड़ों रुपए का बजट प्रति वर्ष जारी किया जाता है | यह सब उस जिला में हो रहा है जहाँ के सांसद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं |
ताजा मामला पन्ना जनपद के ग्राम पंचायत रानीगंज पुरवा का सामने आया है | जहां पर उपयंत्री की सह पर पंचायत में खेत तालाब जेसीबी से खोदे जा रहे हैं |\ फर्जी मस्टर एवं फर्जी हाजिरी चढ़ा कर मजदूरों के हक पर डाका डाला जा रहा है | पंचायत की पोर्टल पर प्रतिदिन भारी भरकम मजदूरी दर्शाकर राशि का आहरण किया जा रहा है | जिससे गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार नहीं मिल पा रहा हैऔर गांव में पलायन की स्थिति बनी हुई है
ग्राम पंचायत के ग्राम कोड़न पुरवा में हितग्राही सूरत दीन कुशवाहा पिता झाला कुशवाहा के खेत में खेत तालाब स्वीकृत हुआ था. जिसके तालाब को मजदूर की सहायता से बनवाया जाना था . खेत तालाब रात में जेसीबी चलवा कर बनवा दिया गया | , हितग्राही सूरत दीन कुशवाहा का कहना है कि हमारे खेत में तीन दिन जेसीबी चली है और रात में जेसीबी चलाई गई है इसमें एक भी मजदूर अभी तक काम पर नहीं लगा है पूरा काम जेसीबी के द्वारा करवाया गया है।
दिलचस्प ये है कि पंचायत सचिव रामभुवन विश्वकर्मा कहते हैं कि हमारी ग्राम पंचायत रानीगंज पुरवा में खेत तालाब खोदे गए हैं , पर जेसीबी से खोदे गए हैं इसकी जानकारी नहीं है |उपयंत्री अनिल सक्सेना कहते हैं कि खेत तालाब मजदूरी से खुदे हैं या जेसीबी से मुझे पता नहीं है और मैं इस विषय में कोई बात नहीं करना चाहता।
ये सरकार का सिस्टम है यहां सचिव को और उपयंत्री को ये पता ही नहीं कि खेत तालाब कैसे खुद गए , उपयंत्री महोदय तो इस मसले पर बात करने से ही कतराते हैं |
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