'बदलता बुंदेलखंड
रवीन्द्र व्यास
२१वी सदी के हम एक ऐसे युग में आगे बढ़ रहे हैं जहां तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं | देश दुनिया में हो रहे इन बदलावों से बुंदेलखंड भी अछूता नहीं है | बुंदेलखंड के बदलाव की कहानी प्रयागराज महाकुंभ में भी सुनने और देखने को मिली थी | सड़कों के जाल से जहाँ विकाश को रफ़्तार मिली | झांसी के पास बनने वाला नया औधोगिक नगर विकाश के एक नवयुग का सृजन करेगा | दूसरी तरफ यूपी वाले बुंदेलखंड इलाके के हर जिले में मोटे अनाज के छह प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाएंगे | विकास की गति कुछ भी हो किन्तु हम अपनी पहचान को बनाये रखने के लिए अलग बुंदेलखंड के लिए संघर्ष करते लोग भी हैं | ये अलग बात है कि विकाश की रफ़्तार में हम विनाश को भी आमंत्रित करने में कोई चूक नहीं कर रहे हैं |
जल है तो हमारा कल है :
कभी बुंदेलखंड की एक कहावत मीडिया की सुर्खियां बनती थी " गगरी न फूटे चाहे खसम मर जाए " | बुंदेलखंड के अनेको गाँव ऐसे थे जहां लोग पानी की समस्या के कारण अविवाहित रह जाते थे | आज इन हालातों में कुछ बदलाव देखने को मिल रहा है | बुंदेलखंड में जल की इसी व्यवस्था को प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में हिस्सा लेने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं ने देखा | 'स्वच्छ सुजल गांव' की कथा के माध्यम से बताया गया कि , कभी पानी की समस्या से जूझने वाला बुंदेलखंड अब किस प्रकार पेयजल संकट को हल करने में सफलत हो गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जल जीवन मिशन ने जल उपलब्धता में क्रांतिकारी बदलाव लाकर बुंदेलखंड के हर घर में नल से जल पहुंचाया है। प्रगति की यह कहानी बुंदेलखंड की 2017 से पहले की निराशा से लेकर उसके बाद के उल्लेखनीय परिवर्तन तक की यात्रा को दर्शाने वाली थी ।
बुंदेलखंड क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों में जल सहेलियों ने जल संरक्षण और जागरूकता के लिए कार्य किया हैं। यहां यह बता दें कि विश्व की पहली नदी जोड़ो परियोजना "केन बेतवा लिंक परियोजना " का शिलान्यास भी बुंदेलखंड के खजुराहो में पी एम् मोदी ने ही २५ दिसंबर २४ को किया था |
सड़कों का जाल अब उद्योगों की बारी है
बीते एक दशक में बुंदेलखंड अंचल में सड़कों का जाल फैला ,| बुंदेलखंड के एम् पी और यूपी इलाके में कई हाइवे पर कार्य शुरू किया गया है | हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुंदेलखंड में 115 किमी का एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की स्वीकृति दी है , जिसके लिए कार्य शुरू किया जा रहा है । यह एक्ससप्रेसवे जालौन से झांसी तक बनेगा | आने वाले समय में आगरा -लखनऊ एक्सप्रेसवे ,गंगा एक्सप्रेसवे एवं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे लिंक एक्सप्रेसवे के जरिये आपस में जुड़ जाएंगे ।
झांसी के निकट बीडा को इससे जोड़ा जाएगा | बीड़ा को नोएडा की तर्ज पर एक नया औद्योगिक शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।इस नए औद्योगिक शहर की परियोजना के पूरा होने से डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में लग रहे रक्षा उद्योगों से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।बुंदेलखंड के ही ललितपुर में फार्मा पार्क पहले से बन रहा है।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के हर जिले में मोटे अनाज के प्रोसेसिंग प्लांट अगले साल तक तैयार हो जाएंगे। असल में बुंदेलखंड वह इलाका है जहाँ पहले मोटे अनाज की ही खेती होती थी | यूपी के बुंदेलखंड में लगभग दो लाख हेक्टेयर में ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो ,कुटकी आदि की फसलें उगाई जाती हैं। लगभग एक करोड़ की लागत वाले प्रत्येक प्लांट में अत्याधुनिक प्रोसेसिंग मशीनें होंगी । सरकार किसानों के मोटे अनाज की पैकेजिंग और उन्हें मार्केटिंग की व्यवस्था भी करेगी ताकि किसानों को सही दाम मिल सके।
एमपी के सागर में भी बुंदेलखंड की तक़दीर और तस्वीर बदलने के लिए सितम्बर में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव हुआ था | इसमें २३ हजार 181 करोड़ रु के प्रस्ताव सरकार को मिले थे | इसके पहले बीना में 50 हजार करोड़ के पेट्रोलियम केमिकल का शिलान्यास पी एम् नरेंद्र मोदी ने किया था | यह देश का दूसरा और मध्यप्रदेश का पहला बड़ा प्लांट मान जाता है | इसके पूर्ण होने पर इस इलाके में ढाई सौ से अधिक इससे सम्बंधित उद्योग लगेंगे |