मजदूर दिवस पर 72 हजार गुरुजी हुए बेरोजगार, 10 मई को
कुछ बड़ा करने जा रहे शिक्षक
भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 18 साल पढ़ाने के बाद भी अतिथि शिक्षकों को उनका अधिकार मिलना तो दूर घोषणा के बाद भी एक साल के लिए अनुबंधित नहीं किया जा रहा है जिससे हर साल हजारों अतिथि शिक्षक इससे बाहर हो जाते हैं। इस बार भी सरकारी स्कूलों में करीब 72 हजार अतिथि शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे थे लेकिन 30 अप्रैल 2025 से उनका अनुबंध समाप्त हो गया है। ऐसे में 72 हजार अतिथि शिक्षक फिर से बेरोजगार हो गए हैं।
अतिथि शिक्षकों के 1 साल के अनुबंध की मांग
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश सचिव रविकांत गुप्ता ने बताया कि संगठन लंबे समय से अतिथि शिक्षकों की सेवाएं स्थाई करने की मांग कर रहा है। ऐसे में अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं कर सकते तो उनके साथ 1 साल का अनुबंध तो किया जा सकता है। लेकिन हर बार अतिथि शिक्षक केवल स्कूलों में 8 से 10 महीने ही सेवा दे पता है, जबकि बाकी समय वह बेरोजगार रहता है। ऐसे में अतिथि शिक्षकों को सरकार नियमित शिक्षकों की तरह सुविधाएं दे रविकांत गुप्ता ने बताया कि इसके अलावा भी अतिथि शिक्षकों के साथ कई विसंगतियां हैं, जिसे सुधारने की जरूरत है।
राजधानी में चक्का जाम करने की चेतावनी
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया कि सरकार अतिथि विद्वानों की भांति महिला अतिथि शिक्षकों को प्रसूति अवकाश, सीएल और ऐच्छिक अवकाश सहित कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा का लाभ देना चाहिए लेकिन एक तरफ अतिथि विद्वानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है, वहीं अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय भी हो रहा है। सुनील सिंह परिहार ने कहा कि 1 मई को मजदूर दिवस है और इसी दिन स्कूल शिक्षा विभाग ने 72 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों को बेरोजगारी का तोहफा दिया है। हम इसके खिलाफ राजधानी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे यदि फिर भी अतिथि शिक्षकों को वापस नहीं लिया जाता तो राजधानी में प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक एकत्रित होंगे और चक्का जाम करेंगे बताया गया कि इसको लेकर 10 मई को एक बैठक का आयोजन किया जाएगा।