फीडर सरपरेशन के नाम पर किसानों के हक पर डाका, घटिया पोल-कैबिल से भर रही ठेकेदार की जेब’ बिजली विभाग कें अधिकाारी कमीशन खोरी मे शामिल

पन्ना। किसानो को दस घंटे बिजली उपलब्ध कराने का वादा करने वाली सरकार की बिजली विभाग के अधिकारी किसानों का खून चूस रहे हैं तथा सरकार को भी चूना लगा रहे हैं घटिया सामग्री लगा के केवल एवं खंभा की मजबूती की बात करते है लेकिन सच्चाई मे वह बहुत ही कमजोर है ’जमीन पर झूठ और भ्रष्टाचार के पोलें’ गाड़ कर दफनाया जा रहा है! उदाहरण के तौर पर गुनौर के रिछौड़ा फीडर में फीडर सेपरेशन योजना के नाम पर जो कुछ हो रहा है, वह सिर्फ ’’घटिया निर्माण नहीं, सीधा-सीधा बिजली घोटाला है!’’
रिछौड़ा फीडर में खेतों के बीच बिना वोल्डर, बिना कंक्रीट और बिना स्टैंडर्ड के पोल गाड़े जा रहे हैं। ये पोल बरसात की एक तेज हवा में या तो गिरेंगे, या झुककर किसानों की जान व जमीन को खतरे उत्पन्न करेगे । सूत्रों द्वारा बताया गया कि केवल को मजबूत करने के लिए तांबा डाला जाता है तथा तांबे युक्त केवल बहुत मजबूत होती है लेकिन जो केवल डाली जा रही है उसमें तांबा की मात्रा ही नही है सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है गांव के किसानो का कहना है कि विभाग तथा ठेकेदार द्वारा मिलकर घटिया कार्य कराया जा रहा है जिससे उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियो के खिलाफ कार्य वाही की जाये ।