चीन से MBBS करने वाले स्टूडेंट्स को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, आदेश जारी

8 डॉक्टरों ने दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका
विदिशा निवासी डॉ सौरभ रघुवंशी, उज्जैन के डॉ जय शर्मा सहित 8 डॉक्टरों की तरफ से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी याचिका में कहा गया था कि उन्होंने चीन में साल 2017 में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लिया था कोरोना के कारण उन्हें साल 2019 में भारत वापस लौटना पड़ा था इसके बाद उन्होंने एमबीबीएस कोर्स की पूरी पढ़ाई ऑनलाइन मोड में की थी।
2 साल से बढ़ाकर 3 साल कर दी इंटर्नशिप
विदेश से एमबीबीएस कोर्स करने वालों को प्रदेश में रजिस्ट्रेशन के लिए 1 साल तक इंटर्नशिप करना आवश्यक थी कोरोना काल में उसे बढ़ाकर 2 साल कर दिया गया था एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद उन्होंने 2 साल की इंटर्नशिप प्रारंभ की थी इंटर्नशिप का कार्यकाल 31 मार्च 2025 को पूरा होना था इसके पहले ही नवंबर 2024 में आदेश जारी कर इंटर्नशिप का कार्यकाल 3 साल कर दिया गया।
यूक्रेन और फिलीपींस के छात्रों के लिए 3 साल की थी इंटर्नशिप
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने बताया कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने युद्ध के कारण यूक्रेन और फिलीपींस से एमबीबीएस का कोर्स करने वाले मेडिकल छात्रों के इंटर्नशिप कार्यकाल को बढ़ाकर 3 साल किया था।
मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने सभी छात्रों के लिए लागू किया नियम
मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने विदेश से एमबीबीएस कोर्स करने वाले सभी छात्रों पर यह नियम लागू कर दिया। मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल का प्री पीजी एग्जाम जून और जुलाई 2025 में आयोजित है। फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 7 मई निर्धारित की गई है। इंटर्नशिप की अवधि एक साल और बढ़ाने के कारण वह परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे।
याचिकाकर्ता छात्रों को प्रीपीजी में बैठने की अनुमति
हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने मामले को सुनने के बाद फैसला सुनाया याचिकाकर्ता डॉक्टरों को प्री पीजी एग्जाम में बैठने के लिए छात्रों को ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति देने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।