डॉक्टर नेहा नेमा को मिलेगा “ प्राइड ऑफ नेशन” सम्मान
मुंबई। प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स पंजीकृत द्वारा आगामी 23 अगस्त 2025 को आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन एवं पत्रकार सम्मान समारोह 2025 मुंबई महाराष्ट्र में दिल्ली विश्विद्यालय की सहायक प्राध्यापिका, क्रांतिकारी पत्रकार डॉक्टर नेहा नेमा को “ प्राइड ऑफ नेशन” सम्मान से नवाजा जाएगा।
पत्रकार सुरक्षा एवं कल्याण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय संगठन प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की राष्ट्रीय संगठन महासचिव तथा अधिवेशन आयोजिका शशि दीप मुंबई द्वारा दी गई जानकारी अनुसार संगठन की स्थापना के सातवें वर्ष में इस वर्ष तीसरा राष्ट्रीय अधिवेशन 23 अगस्त 2025 को मेयर्स ऑडिटोरियम हाल जुहू लेन अंधेरी वेस्ट मुंबई में आयोजित किया जाएगा । जिसकी अध्यक्षता संगठन के संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार डॉ. सैयद खालिद कैस करेंगे। राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर के पत्रकार सम्मिलित हो रहे हैं। इस अधिवेशन में विगत कई वर्षों से निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता में अग्रणी भूमिका निभा चुकी नरसिंहपुर मध्य प्रदेश निवासी दिल्ली विश्विद्यालय की दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका, क्रांतिकारी पत्रकार डॉक्टर नेहा नेमा को उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए “ प्राइड ऑफ नेशन” सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सैयद खालिद कैस एडवोकेट ने सुश्री नेहा नेमा की इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं और उन्हें मीडिया शिक्षा, मीडिया कानून और मीडिया कि आचार संहिता, विकास पत्रकारिता, समाज और महिला मीडिया, संस्कृति व सभ्यता मीडिया भारतीय ज्ञान परंपरा मीडिया, विज्ञान मीडिया क्षेत्र में सृजनात्मक शिक्षा नई शिक्षा नीति से देश के विश्वविद्यालयों में मानविकी सामाजिक अध्ययन में प्रभावशाली परिवर्तनकारी जनसंचार शिक्षा का चेहरा बताया है। इनकी उच्च शिक्षा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल के पाश्चात् पीएचडी महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से, नेहा की कई प्रकशित पुस्तकें जिनमे ख़बरों का जाल, विकास पत्रकारिता शोध, नया मीडिया शोध, ग्रामीण पत्रकारिता का दौर, कई शोध पत्र राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्रिका में प्रकाशित है ।
गौर तलब हो कि सुश्री नेहा नेमा ने अन्ना आंदोलन के दौर मे भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन की चुनौती दी। उन्होंने मीडिया ,कानून, फिल्म और नवीन संचार से अपने शोध कार्य से सुधारों से असर पर जागरुकता और चेतना दी।