अभिषेक व्यास
पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने प्रदेश सरकार की अर्थव्यवस्था को लेकर तीखी चुटकी ली है कमाई अठन्नी की, खर्चा पूरे रुपैया का, उन्होंने कटाक्ष किया कि मध्य प्रदेश सरकार अपना बजट भूलकर 5200 करोड़ रुपये का नया कर्ज़ ऐसे ले आई है, जैसे कोई त्योहार पर घर सजाने के लिए पड़ोसी से उधार मांगता है।
कमलनाथ ने बताया कि ताज़ा कर्ज़ के साथ प्रदेश का कुल कर्ज़ अब 4.60 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि बजट है मात्र 4.21 लाख करोड़। यानी सरकार के पास जितनी आय है, उससे ज़्यादा सिर पर कर्ज़ की गठरी! उन्होंने व्यंग्य किया कि कई बार ब्याज चुकाने के लिए नया कर्ज़ लेना पड़ता है, ऐसे में प्रदेश की वित्तीय सेहत डॉक्टर की नहीं, बस जुमलों की दवा से ही चल रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार को न घाटे की चिंता, न जनता के दर्द का अहसास। शाही शानोशौकत पर सरकारी पैसे की बौछार है—हवाई जहाज़ खरीदे जा रहे हैं, मंत्रियों के बंग्लों को किसी राजमहल-सा सजाया जा रहा है, और घोषणाओं की इवेंटबाज़ी में फिजूलखर्ची का चक्र जारी है।
कमलनाथ ने जोर देकर कहा कि हजारों करोड़ के कर्ज़ के बावजूद 'लाड़ली बहनों' को वादा किया गया 3,000 रुपये प्रतिमाह नहीं दिए जा रहे, किसानों को समर्थन मूल्य भी हवा-हवाई बना है। बेरोजगारों की जेब खाली है और छात्रों की छात्रवृत्तियां सरकारी कागज़ात में गुमसुम हो गई हैं। उनका तंज था कि भाजपा सरकार में वित्तीय प्रबंधन नहीं, सिर्फ दिखावे की पटाखेबाज़ी हो रही है—जिसमें धमाका जनता की जेब में होता है।
